आपने ग्रामोफोन रेकॉर्ड तो देखे होंगे। यदि नहीं देखा है तो नीचे का चित्र देख लीजिए।
पुराने जमाने में ये रेकॉर्ड लाख के बने होते थे और ग्रामोफोन पर इन्हें बजाया जा सकता था।
पर आपको जानकर आश्चर्य होगा कि तिब्बत और चीन के बीच बोकाना पर्वत की एक गुफा में पत्थर के रेकॉर्ड पाये गये हैं। ओशो के वेबसाइट में दी गई जानकारी के अनुसार 1937 में मिले इन रेकॉर्डों की संख्या 716 हैं और ये महावीर से दस हजार साल पुराने अर्थात् अब से लगभग बारह हजार साल पुराने हैं। उसी साइट में रेकॉर्ड का निम्न चित्र भी दिया गया है।
ये रेकॉर्ड्स बिल्कुल ग्रामोफोन के रेकॉर्ड जैसे ही हैं। ग्रामोफोन रेकॉर्ड के जैसे ही इन रेकॉर्ड्स के बीच में एक छेद भी है और इनमें ग्रामोफोन रेकॉर्ड के जैसे ही लकीरें भी हैं। रूस के एक जाने माने वैज्ञानिक ने प्रमाणित भी कर दिया है कि हैं ये रेकॉर्ड्स ही किन्तु अब तक यह नहीं जाना जा सका है कि ये किस यन्त्र पर और किस प्रकार की सुई के माध्यम से बज पायेंगे। इन रेकॉर्ड्स के परीक्षण से पता चला है कि उनमें एक प्रकार का विकिरण भी होती है।
इन रेकॉर्ड्स को देखकर तो यही लगता है कि आज से बारह-हजार पहले भारत में पत्थरों पर कुछ रेकार्ड करने की तकनीक विकसित थी।
है ना रहस्यमय बात!
रहस्यमय भारत (1) - Mysterious India
शुक्रवार, 2 जनवरी 2015
रहस्य रोमांच
गुरुवार, 1 जनवरी 2015
आदिकाल से ही रहस्य और रोमांच मानव को प्रभावित करते रहे हैं। मानव ने अपने आविर्भाव के बाद सबसे पहले जब सूरज चांद सितारों को देखा होगा तो ये सारी बातें उनके लिए रहस्य ही रही होंगी। तो फिर, कल्पना कीजिए कि उसके मन में कितना रोमांच हुआ होगा? और इन रहस्यों को जानने के लिए उसने क्या क्या प्रयत्न नहीं किये होंगे?
इस ब्लॉग के माध्यम से हम मानव के मन में उठने वाले रहस्य और रोमांचों की जानकारी देने का प्रयत्न करेंगे।
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